नीलगिरी की पहाड़ियाँ: प्रकृति का अनुपम उपहार
नीलगिरी की पहाड़ियाँ
नीलगिरी की पहाड़ियाँ भारत के दक्षिणी भाग में स्थित एक प्रसिद्ध पर्वतीय श्रृंखला(Nilgiri Mountains Facts in hindi) है, जो तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल राज्यों की सीमाओं पर फैली हुई हैं। यह पर्वत श्रृंखला पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट और दक्कन पठार के संगम स्थल पर स्थित है और जैव विविधता के लिहाज़ से अत्यंत समृद्ध मानी जाती है।
नीलगिरी का नाम नीले पहाड़ों से लिया गया है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट विशेषता है। नीलगिरी की पहाड़ियाँ तमिलनाडु राज्य में स्थित हैं, और यह पश्चिमी घाट का एक हिस्सा है। नीलगिरी की सबसे ऊंची चोटी डोडाबेट्टा है, जिसकी ऊंचाई 2,637 मीटर है।
भौगोलिक स्थिति -Nilgiri Facts
नीलगिरी की पहाड़ियों का सबसे ऊँचा शिखर "डोड्डाबेट्टा" है, जिसकी ऊँचाई लगभग 2,637 मीटर (8,652 फीट) है। यह शिखर ऊटी (उधगमंडलम) शहर के निकट स्थित है, जो इस क्षेत्र का प्रमुख पर्यटन केंद्र है। नीलगिरी का अर्थ होता है "नीले पर्वत", जो यहाँ की पहाड़ियों पर उगने वाले नील फूलों के कारण पड़ा है।
प्राकृतिक सुंदरता -- Beautifull Nilgiri
नीलगिरी की पहाड़ियों में घने शीतोष्ण सदाबहार वन, ऊँचाई वाले घास के मैदान, झरने, और चाय-बागान फैले हुए हैं। यहाँ का वातावरण ठंडा और सुहावना रहता है, जिससे यह स्थल वर्ष भर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है।
वनस्पति: नीलगिरी की पहाड़ियों में विभिन्न प्रकार के वनस्पतियाँ पाई जाती हैं, जिनमें उष्णकटिबंधीय और शीतोष्ण वन शामिल हैं।
जीव-जन्तु: यहाँ विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तु पाए जाते हैं, जिनमें हाथी, बाघ, और विभिन्न पक्षी प्रजातियाँ शामिल हैं।
झीलें और झरने: नीलगिरी की पहाड़ियों में कई झीलें और झरने हैं, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को बढ़ाते हैं।
जैव विविधता
यह क्षेत्र नीलगिरी बायोस्फीयर रिज़र्व का हिस्सा है, जो यूनेस्को द्वारा संरक्षित है। यहाँ हाथी, बाघ, गौर, नीलगिरी तहर, नीलगिरी लंगूर और कई दुर्लभ पक्षी व वनस्पति प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यह क्षेत्र जैव विविधता और पारिस्थितिक संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
संस्कृति और जनजातियाँ
नीलगिरी की पहाड़ियों में टोडा, कोटा, कुरुम्बा, और इरुला जैसी आदिवासी जनजातियाँ निवास करती हैं। ये जनजातियाँ अपनी पारंपरिक जीवनशैली, वेशभूषा और रीति-रिवाजों के लिए प्रसिद्ध हैं। टोडा जनजाति की झोपड़ियाँ और उनकी कढ़ाई कला विशिष्ट पहचान रखती हैं।
पर्यटन
ऊटी, कुन्नूर और कोटागिरी जैसे स्थल नीलगिरी पहाड़ियों (Nilgiri Mountains Facts in Hindi )में पर्यटकों के प्रमुख आकर्षण हैं। ऊटी की झील, बोटैनिकल गार्डन, टॉय ट्रेन और चाय-बागान पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करते हैं। नीलगिरी माउंटेन रेलवे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
संरक्षण प्रयास
वन्यजीव अभयारण्य: नीलगिरी की पहाड़ियों में कई वन्यजीव अभयारण्य हैं, जो जीव-जन्तुओं के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
पर्यावरण संरक्षण: यहाँ के स्थानीय समुदाय और सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न प्रयास कर रहे हैं, जिनमें वनस्पति और जीव-जन्तुओं का संरक्षण शामिल है।
निष्कर्ष
नीलगिरी की पहाड़ियाँ (Amazing Facts abot Nilgiri Mountains) न केवल एक प्राकृतिक धरोहर हैं, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक, जैविक और पर्यटन धरोहर का भी अभिन्न हिस्सा हैं। इन पहाड़ियों का संरक्षण और सतत विकास हमारे पर्यावरण और आने वाली पीढ़ियों के लिए अत्यंत आवश्यक है।
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