सिबिल स्कोर क्या है और कैसे चेक करें?
CIBIL स्कोर क्या है?
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CIBIL Score Information in Hindi |
CIBIL स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है जो किसी (CIBIL Score Information in hindi) व्यक्ति की क्रेडिट योग्यता यानी उधार चुकाने की क्षमता को दर्शाती है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है और इसे भारत का प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो CIBIL (Credit Information Bureau India Limited) तैयार करता है। जब कोई व्यक्ति लोन लेता है या क्रेडिट कार्ड का उपयोग करता है, तो उसका भुगतान व्यवहार, जैसे समय पर EMI भरना, क्रेडिट लिमिट का उपयोग प्रतिशत, लोन चुकाने का इतिहास आदि को ध्यान में रखकर यह स्कोर निर्धारित किया जाता है। 750 या उससे अधिक स्कोर को अच्छा माना जाता है(Cibil Score Facts) और इससे बैंक या वित्तीय संस्थानों को यह भरोसा होता है कि व्यक्ति समय पर अपने कर्ज को चुका सकता है। यदि आपका स्कोर कम है, तो आपको लोन मिलने में कठिनाई हो सकती है या ब्याज दरें अधिक लग सकती हैं। CIBIL स्कोर न केवल बैंक लोन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि अब यह मोबाइल पोस्टपेड कनेक्शन, क्रेडिट कार्ड, कार लोन, हाउस लोन और यहां तक कि कुछ नौकरियों में भी एक जरूरी मानदंड बनता जा रहा है। यह स्कोर हर उस व्यक्ति के लिए जरूरी है जिसने कभी कोई लोन या क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल किया है, क्योंकि सभी बैंक और NBFC कंपनियां आपकी क्रेडिट रिपोर्ट को देखकर ही निर्णय लेती हैं कि आपको लोन दिया जाए या नहीं। इसलिए CIBIL स्कोर को समझना और समय-समय पर जांचना आज के डिजिटल और फाइनेंशली ऐक्टिव युग में एक जरूरी आदत बन गई है।
सिबिल स्कोर कैसे चेक करें?
CIBIL स्कोर (Cibil Score Information in Hindi) चेक करना आज के समय में एक बहुत ही आसान और डिजिटल प्रक्रिया बन गई है। कोई भी व्यक्ति, जिसके पास क्रेडिट कार्ड, लोन खाता या किसी प्रकार की वित्तीय देनदारी है, वह अपने CIBIL स्कोर को साल में कम से कम एक बार जरूर चेक करना चाहिए। CIBIL स्कोर चेक करने के लिए सबसे पहले आपको आधिकारिक वेबसाइट www.cibil.com पर जाना होता है। वहाँ "Get Your CIBIL Score" या "Check CIBIL Score" जैसे विकल्प दिखाई देंगे। इस पर क्लिक करने के बाद आपको एक छोटा सा फॉर्म भरना होगा जिसमें आपका नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, पैन कार्ड नंबर, जन्म तिथि और अन्य जरूरी जानकारी देनी होती है। एक बार जब आप सारी जानकारी सही-सही भर देते हैं, तो आपके मोबाइल नंबर या ईमेल पर एक OTP आता है, जिससे आपकी पहचान सत्यापित की जाती है। इसके बाद आपको एक फ्री रिपोर्ट या पेड रिपोर्ट (विस्तृत जानकारी के लिए) का विकल्प दिया जाता है। अगर आप साल में पहली बार स्कोर देख रहे हैं, तो आपको एक बार फ्री CIBIL स्कोर और रिपोर्ट मिलती है। आप चाहें तो इस रिपोर्ट को PDF में डाउनलोड कर सकते हैं या भविष्य के लिए सेव रख सकते हैं। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है, और 750 से ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है। इसके अलावा, आप बैंकिंग ऐप्स जैसे HDFC, ICICI, SBI YONO, Paytm, KreditBee, PaisaBazaar आदि पर भी लॉगइन करके मुफ्त में CIBIL स्कोर चेक कर सकते हैं। कई UPI ऐप्स भी अब यह सुविधा देने लगे हैं। ध्यान रहे कि स्कोर चेक करने से कोई नुकसान नहीं होता, जब तक आप 'soft inquiry' कर रहे हैं (जैसे खुद के लिए देखना)। इससे आपकी क्रेडिट प्रोफाइल सुरक्षित रहती है और आप यह तय कर सकते हैं कि कौन सा लोन आपके लिए उपयुक्त रहेगा। इस प्रकार, समय-समय पर CIBIL स्कोर की जांच करना एक बुद्धिमानी भरा कदम है जो आपकी आर्थिक स्थिरता और भविष्य की वित्तीय योजना के लिए आवश्यक है।
सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए?
CIBIL स्कोर सामान्यतः 300 से 900 के बीच होता है, और अच्छा स्कोर 750 या उससे अधिक माना जाता है। यदि आपका स्कोर 750 से ऊपर है, तो आपको बैंक या वित्तीय संस्थाओं से लोन और क्रेडिट कार्ड आसानी से मिल सकते हैं, साथ ही ब्याज दरें भी कम हो सकती हैं। 650 से 749 के बीच स्कोर ठीक-ठाक माना जाता है, लेकिन लोन मिलते समय शर्तें थोड़ी सख्त हो सकती हैं। वहीं 650 से नीचे स्कोर होने पर लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में दिक्कत आती है या ब्याज दरें बहुत अधिक लग सकती हैं। इसलिए, अगर आप भविष्य में किसी भी प्रकार का कर्ज लेना चाहते हैं, तो आपको अपना CIBIL स्कोर 750 से ऊपर बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए।
सिबिल स्कोर कैसे बढ़ाएं?
अगर आपका सिबिल स्कोर कम है और आप उसे सुधारना चाहते हैं, तो सबसे पहला कदम है समय पर अपने सभी लोन और क्रेडिट कार्ड की भुगतान किस्तों को चुकाना। किसी भी EMI या बिल का देरी से भुगतान सीधे तौर पर आपके स्कोर को नुकसान पहुंचाता है। इसके अलावा, कोशिश करें कि क्रेडिट कार्ड की लिमिट का उपयोग 30% से कम रखें, यानी अगर आपकी लिमिट ₹1 लाख है, तो ₹30,000 से अधिक खर्च न करें। बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करना भी स्कोर को घटा सकता है, इसलिए आवश्यकता होने पर ही नया क्रेडिट लें। पुराने क्रेडिट कार्ड या अकाउंट्स को बंद न करें, क्योंकि लंबा क्रेडिट इतिहास स्कोर बढ़ाने में मदद करता है। अगर आपके पास बहुत कम या कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है, तो आप सेक्योर क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं, जो फिक्स्ड डिपॉज़िट के बदले दिया जाता है और समय पर भुगतान करने से धीरे-धीरे स्कोर बेहतर हो सकता है। इसके साथ ही समय-समय पर अपनी क्रेडिट रिपोर्ट जांचते रहें, ताकि कोई गलती या गलत जानकारी तुरंत सुधार सकें। इन उपायों को अपनाकर आप अपने सिबिल स्कोर को धीरे-धीरे सुधार सकते हैं और भविष्य में बेहतर वित्तीय अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
सिबिल स्कोर का महत्व
सिबिल स्कोर किसी व्यक्ति की वित्तीय साख यानी क्रेडिट योग्यता को दर्शाने वाला एक महत्वपूर्ण सूचकांक है, जो 300 से 900 के बीच होता है। यह स्कोर यह तय करता है कि आप भविष्य में किसी बैंक या वित्तीय संस्था से लोन या क्रेडिट कार्ड प्राप्त कर पाएंगे या नहीं। अगर आपका स्कोर 750 या उससे अधिक है, तो यह संकेत देता है कि आप एक जिम्मेदार उधारकर्ता हैं और आपने अपने पुराने लोन या बिल समय पर चुकाए हैं। इसका सीधा लाभ यह होता है कि आपको आसानी से लोन मंजूरी, कम ब्याज दरें, और बेहतर क्रेडिट लिमिट मिलती है। वहीं, अगर आपका स्कोर कम है, तो बैंक आपकी लोन अर्जी को ठुकरा सकते हैं या ऊंची ब्याज दर लगा सकते हैं। आज के समय में न सिर्फ लोन बल्कि घर किराए पर लेने, मोबाइल कनेक्शन लेने, या किसी नौकरी के लिए आवेदन करते समय भी कई संस्थाएं सिबिल स्कोर को महत्व देती हैं। इसलिए, सिबिल स्कोर का अच्छा होना न सिर्फ आपकी वित्तीय स्वतंत्रता, बल्कि आपकी आर्थिक विश्वसनीयता के लिए भी जरूरी है।
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