भारत के प्रमुख दर्रे/ Important passes of india
बुर्जिला दर्रा
बुर्जिला दर्रा हिमाचल प्रदेश में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो मनाली और लेह के बीच सड़क मार्ग का हिस्सा है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 4,890 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
बुर्जिला दर्रे का महत्व:
- यह दर्रा हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है।
- यह दर्रा सड़क मार्ग से जुड़े होने के कारण यात्रियों और व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण है।
- बुर्जिला दर्रे के आसपास के क्षेत्र में प्राकृतिक सौंदर्य और विविध वनस्पतियां और जीव-जन्तु पाए जाते हैं।
बुर्जिला दर्रे की विशेषता:
- यह दर्रा अपनी ऊंचाई और बर्फ से ढकी चोटियों के लिए प्रसिद्ध है।
- यह दर्रा रोमांचक यात्राओं और ट्रेकिंग के लिए एक लोकप्रिय स्थल है
काराकोरम दर्रा
काराकोरम दर्रा भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो भारत और चीन के बीच एक प्राकृतिक सीमा के रूप में कार्य करता है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 5,540 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
काराकोरम दर्रे का महत्व:
- यह दर्रा ऐतिहासिक रूप से व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग रहा है।
- यह दर्रा अपनी ऊंचाई और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
- काराकोरम दर्रे के आसपास के क्षेत्र में विविध वनस्पतियां और जीव-जन्तु पाए जाते हैं।
काराकोरम दर्रे की विशेषता:
- यह दर्रा दुनिया के सबसे ऊंचे दर्रों में से एक है।
- यह दर्रा अपनी बर्फ से ढकी चोटियों और हिमनदियों के लिए प्रसिद्ध है।
- काराकोरम दर्रा रोमांचक यात्राओं और ट्रेकिंग के लिए एक लोकप्रिय स्थल है।
पीरपंजाल दर्रा
पीरपंजाल दर्रा जम्मू और कश्मीर में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो हिमालय की पीरपंजाल श्रृंखला में आता है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 3,490 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
पीरपंजाल दर्रे के महत्वपूर्ण तथ्य:
- यह दर्रा जम्मू और श्रीनगर के बीच एक महत्वपूर्ण सड़क मार्ग का हिस्सा है।
- पीरपंजाल दर्रे के आसपास के क्षेत्र में प्राकृतिक सौंदर्य और विविध वनस्पतियां और जीव-जन्तु पाए जाते हैं।
- यह दर्रा अपनी बर्फ से ढकी चोटियों और हरे-भरे घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है।
पीरपंजाल दर्रे का महत्व:
- यह दर्रा जम्मू और कश्मीर के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है।
- पीरपंजाल दर्रे के आसपास के क्षेत्र में कई प्रसिद्ध स्थल और पर्यटन स्थल हैं।
जोजिला दर्रा
जोजिला दर्रा जम्मू और कश्मीर में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो श्रीनगर और लेह के बीच एक महत्वपूर्ण सड़क मार्ग का हिस्सा है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 3,528 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
जोजिला दर्रे की विशेषताएं:
- यह दर्रा अपनी बर्फ से ढकी चोटियों और हरे-भरे घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है।
- जोजिला दर्रा सड़क मार्ग से जुड़े होने के कारण यात्रियों और व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण है।
- यह दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के कारण एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
जोजिला दर्रे का महत्व:
- यह दर्रा जम्मू और कश्मीर के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है।
- जोजिला दर्रे के आसपास के क्षेत्र में कई प्रसिद्ध स्थल और पर्यटन स्थल हैं।
बनिहाल दर्रा
बनिहाल दर्रा जम्मू और कश्मीर में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो जम्मू और श्रीनगर के बीच एक महत्वपूर्ण सड़क और रेल मार्ग का हिस्सा है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 2,832 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
बनिहाल दर्रे की विशेषताएं:
- यह दर्रा अपनी बर्फ से ढकी चोटियों और हरे-भरे घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है।
- बनिहाल दर्रा सड़क और रेल मार्ग से जुड़े होने के कारण यात्रियों और व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण है।
- यह दर्रा जम्मू और श्रीनगर के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है।
बनिहाल दर्रे का महत्व:
- यह दर्रा जम्मू और कश्मीर के बीच यातायात और संचार के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है।
- बनिहाल दर्रे के आसपास के क्षेत्र में कई प्रसिद्ध स्थल और पर्यटन स्थल हैं।
रोहतांग दर्रा
रोहतांग दर्रा हिमाचल प्रदेश में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो मनाली और लेह के बीच एक महत्वपूर्ण सड़क मार्ग का हिस्सा है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 3,980 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
रोहतांग दर्रे की विशेषताएं:
- यह दर्रा अपनी बर्फ से ढकी चोटियों और हरे-भरे घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है।
- रोहतांग दर्रा सड़क मार्ग से जुड़े होने के कारण यात्रियों और व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण है।
- यह दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के कारण एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
रोहतांग दर्रे का महत्व:
- यह दर्रा हिमाचल प्रदेश के मनाली और लाहौल-स्पीति जिले के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है।
- रोहतांग दर्रे के आसपास के क्षेत्र में कई प्रसिद्ध स्थल और पर्यटन स्थल हैं।
माना दर्रा
माना दर्रा उत्तराखंड में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो भारत और तिब्बत के बीच एक प्राकृतिक सीमा के रूप में कार्य करता है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 5,610 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
माना दर्रे की विशेषताएं:
- यह दर्रा अपनी बर्फ से ढकी चोटियों और हिमनदियों के लिए प्रसिद्ध है।
- माना दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के कारण एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
- यह दर्रा भारत और तिब्बत के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग के रूप में भी जाना जाता है।
बारालाचा दर्रा
बारालाचा दर्रा हिमाचल प्रदेश में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो मनाली और लेह के बीच एक महत्वपूर्ण सड़क मार्ग का हिस्सा है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 4,890 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
बारालाचा दर्रे की विशेषताएं:
- यह दर्रा अपनी बर्फ से ढकी चोटियों और हरे-भरे घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है।
- बारालाचा दर्रा सड़क मार्ग से जुड़े होने के कारण यात्रियों और व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण है।
- यह दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के कारण एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
शिपकीला दर्रा
शिपकीला दर्रा हिमाचल प्रदेश में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो भारत और तिब्बत के बीच एक प्राकृतिक सीमा के रूप में कार्य करता है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 4,720 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
शिपकीला दर्रे की विशेषताएं:
- यह दर्रा अपनी बर्फ से ढकी चोटियों और हिमनदियों के लिए प्रसिद्ध है।
- शिपकीला दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के कारण एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
- यह दर्रा भारत और तिब्बत के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग के रूप में भी जाना जाता है।
नीति दर्रा
नीति दर्रा उत्तराखंड में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो भारत और तिब्बत के बीच एक प्राकृतिक सीमा के रूप में कार्य करता है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 5,068 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
नीति दर्रे की विशेषताएं:
- यह दर्रा अपनी बर्फ से ढकी चोटियों और हिमनदियों के लिए प्रसिद्ध है।
- नीति दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के कारण एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
- यह दर्रा भारत और तिब्बत के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग के रूप में भी जाना जाता है।
लिपुलेख दर्रा
लिपुलेख दर्रा उत्तराखंड में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो भारत और तिब्बत के बीच एक प्राकृतिक सीमा के रूप में कार्य करता है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 5,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
लिपुलेख दर्रे की विशेषताएं:
- यह दर्रा अपनी बर्फ से ढकी चोटियों और हिमनदियों के लिए प्रसिद्ध है।
- लिपुलेख दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के कारण एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
- यह दर्रा भारत और तिब्बत के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग के रूप में भी जाना जाता है।
नाथूला दर्रा
नाथूला दर्रा सिक्किम में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो भारत और चीन के बीच एक प्राकृतिक सीमा के रूप में कार्य करता है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 4,310 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
नाथूला दर्रे की विशेषताएं:
- यह दर्रा अपनी बर्फ से ढकी चोटियों और हरे-भरे घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है।
- नाथूला दर्रा भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग के रूप में भी जाना जाता है।
- यह दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के कारण एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
यांग्याप दर्रा
यांग्याप दर्रा अरुणाचल प्रदेश में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो भारत और तिब्बत के बीच एक प्राकृतिक सीमा के रूप में कार्य करता है। यह दर्रा अपनी ऊंचाई और रणनीतिक महत्व के लिए जाना जाता है।
यांग्याप दर्रे की विशेषताएं:
- यह दर्रा अपनी बर्फ से ढकी चोटियों और हरे-भरे घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है।
- यांग्याप दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के कारण एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
- यह दर्रा भारत और तिब्बत के बीच एक महत्वपूर्ण सीमा के रूप में भी जाना जाता है।
बोमडिला दर्रा
बोमडिला दर्रा अरुणाचल प्रदेश में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और रणनीतिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 2,415 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
बोमडिला दर्रे की विशेषताएं:
- यह दर्रा अपनी हरी-भरी वनस्पतियों और बर्फ से ढकी चोटियों के लिए प्रसिद्ध है।
- बोमडिला दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के कारण एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
- यह दर्रा अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में स्थित है।
जेलेप ला दर्रा
जेलेप ला दर्रा सिक्किम में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो भारत और तिब्बत के बीच एक प्राकृतिक सीमा के रूप में कार्य करता है। यह दर्रा समुद्र तल से लगभग 4,270 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
जेलेप ला दर्रे की विशेषताएं:
- यह दर्रा अपनी बर्फ से ढकी चोटियों और हरे-भरे घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है।
- जेलेप ला दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के कारण एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
- यह दर्रा भारत और तिब्बत के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग के रूप में भी जाना जाता है।
दीफू दर्रा
दीफू दर्रा अरुणाचल प्रदेश में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और रणनीतिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह दर्रा भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थित है और अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति के कारण महत्वपूर्ण है।
दीफू दर्रे की विशेषताएं:
- यह दर्रा अपनी हरी-भरी वनस्पतियों और विविध जीव-जन्तुओं के लिए प्रसिद्ध है।
- दीफू दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के कारण एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
- यह दर्रा अरुणाचल प्रदेश के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्थित है।
थाल घाट दर्रा
थाल घाट दर्रा महाराष्ट्र में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो पश्चिमी घाट में स्थित है। यह दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के लिए जाना जाता है।
थाल घाट दर्रे की विशेषताएं:
- यह दर्रा अपनी हरी-भरी वनस्पतियों और विविध जीव-जन्तुओं के लिए प्रसिद्ध है।
- थाल घाट दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के कारण एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
- यह दर्रा महाराष्ट्र के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्थित है।
भोर घाट दर्रा
भोर घाट दर्रा महाराष्ट्र में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो पश्चिमी घाट में स्थित है। यह दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के लिए जाना जाता है।
भोर घाट दर्रे की विशेषताएं:
- यह दर्रा अपनी हरी-भरी वनस्पतियों और विविध जीव-जन्तुओं के लिए प्रसिद्ध है।
- भोर घाट दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के कारण एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
- यह दर्रा मुंबई-पुणे रेलवे और सड़क मार्ग के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
तुजू दर्रा
तुजू दर्रा मणिपुर में स्थित एक महत्वपूर्ण दर्रा है, जो भारत और म्यांमार के बीच एक प्राकृतिक सीमा के रूप में कार्य करता है। यह दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और रणनीतिक महत्व के लिए जाना जाता है।
तुजू दर्रे की विशेषताएं:
- यह दर्रा अपनी हरी-भरी वनस्पतियों और विविध जीव-जन्तुओं के लिए प्रसिद्ध है।
- तुजू दर्रा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और महत्व के कारण एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
- यह दर्रा भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थित है और अपनी विशिष्ट भौगोलिक स्थिति के कारण महत्वपूर्ण है।
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