जानें प्राचीन ऋग्वेद से जुड़े दिलचस्प तथ्य/ Rigveda Important Facts in Hindi
सनातन धर्म की शुरुआत वेदों से हुई है अर्थात वेदों को ही सनातन धर्म का आधार माना गया है. प्राचीन वेद हिंदू धर्म के सबसे पवित्र धर्म ग्रंथों में से एक हैं तथा यह शब्द संस्कृत भाषा के 'विद' धातु से बना है.विद्वानों के अनुसार वेदों में लिखे गए मंत्रों को भगवान ने प्राचीन ऋषियों को सुनाया था और प्राचीन ऋषियों ने इन मंत्रों को वेदों में उतारकर प्राचीन वेदों की रचना की. इसीलिए इन वेदों को भगवान की कही श्रुति भी कहा जाता है.
आज हम आपके साथ इन वेदों में सबसे प्राचीन कहे जाने वाले ऋग्वेद से जुड़े दिलचस्प तथ्यों की जानकारी साँझा कर रहें है. इसे पढ़कर आप प्राचीन ऋग्वेद को बारीकी से समझ पाएंगे तथा यह दिलचस्प जानकारी आपकी आने वाली परीक्षाओं में भी महत्वपूर्ण साबित होगी.
तो चलिए जानते हैं प्राचीन ऋग्वेद से जुड़ें दिलचस्प तथ्य
1. ऋग्वेद की उत्पति प्राचीन वैदिक काल से जुडी है तथा ऋग्वेद ही प्राचीन 4 वेदों में सबसे पहले लिखा गया था.
2. ऋग्वेद को दुनिया के सभी इतिहासकार हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की सबसे पहली रचना मानते हैं.
3. ऋग्वेद को संस्कृत में लिखा गया था तथा संस्कृत को ही विश्व की प्राचीनतम भाषाशैली का दर्जा प्राप्त है.
4. इसमें 10 मंडल, 8 अष्टक, 1028 सूक्त तथा 10462 मंंत्र हैं.
5. इसमें सबसे अधिक सूक्त 250 सर्वाधिक प्रतापी देवता इंद्र को तथा 200 श्लोक अग्नि को समर्पित है.
6. ऋग्वेद में कुल 33 देवी देवताओं का वर्णन किया गया है.
7. इसमें लगभग 25 नदियों का वर्णन मिलता है जिसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण नदी सिंधु को माना गया है तथा सर्वाधिक उल्लेख सिंधु नदी का ही मिलता है.
8. ऋग्वेद में सबसे प्राचीनतम नदी सरस्वती को माना गया है.
9. ऋगवेद के नदी सुक्त में उल्लिखित अंतिम नदी गौमल है.
10. इसमें गंगा एवं सरयू का एक बार तथा यमुना का दो बार उल्लेेख हुअा है.
11. यज्ञ के अवसर पर ऋग्वेद के मंत्राें को उच्चारण करने वाले ऋषिओं को होतृ कहा जाता था.
12. ऋग्वेद में ही प्राचीन गायत्री मंत्र का उल्लेख मिलता है तथा यह सूर्य देवता को समर्पित है.
13. ऋग्वेद के सातवें मंडल में वरुण देवता तथा नवाँ मंडल में सोम देवता का उल्लेख मिलता है.
14. ऋग्वेद में गौ शब्द का प्रयोग 176 बार किया गया है.
15. प्राचीन महामृत्युंजय मंत्र भी ऋग्वेद की ही देन है. ऋग्वेद के अनुसार इस मंत्र के जप के साथ विधिवत व्रत तथा हवन करने से दीर्घ आयु प्राप्त होती है.
16. ऋग्वेद संसार के उन सर्वप्रथम ग्रन्थों में से एक है जिसकी किसी रूप में मान्यता आज तक समाज में बनी हुई है.
17. ऋग्वेद में औषधि संबंधी ज्ञान भी मिलता है ऋग्वेद के अनुसार कुल 125 औषधियों की जानकारी मिलती है जो 107 स्थानों पर पाई जाती थी.
18. ऋग्वेद में जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, सूर्य चिकित्सा, हवन द्वारा चिकित्सा आदि की भी जानकारी मिलती है.
19. ऋग्वेद में च्यवन ऋषि को पुनः युवा करने की कथा भी मिलती है.
20. ऋग्वेद अर्थात् ऐसा ज्ञान, जो ऋचाओं में बद्ध हो.
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