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Baisakhi Festival ! बैसाखी त्योहार के बारे में रोचक व् पूरी जानकारी

जानें बैसाखी त्योहार के बारे में रोचक व् पूरी जानकारी / Baisakhi Festival in Hindi


Baisakhi Festival in Hindi
        Baisakhi Festival in Hindi
बैसाखी का त्यौहार अप्रैल महीने में मनाए जाने वाला पंजाब व हरियाणा का प्रमुख त्योहार (Baisakhi Festival in Hindi) है.इस त्यौहार के दिन सिख समुदाय के लोग गुरुद्वारों में भजन-कीर्तन करते है व् लंगर चखते है. बैसाखी वाले दिन हिंदू समुदाय के द्वारा पवित्र नदियों में स्नान करना भी पवित्र माना जाता है.इसी कारण इस दिन सिख व् हिन्दू धर्म के लोग पवित्र नदियों में स्नान भी करते है.

बैसाखी (Baisakhi Festival in Hindi) शब्द की उत्पति वैशाख शब्द से हुई थी. वैशाख सूर्य कलैंडर के अनुसार एक पवित्र महीना होता है.

बैसाखी त्यौहार का इतिहास - Baisakhi Festival History in Hindi


बैसाखी त्यौहार अलग अलग धर्म व समुदाय में अलग अलग कारणों से मनाया जाता है.उदाहरण के तौर पर संपूर्ण भारत में यह दिन त्योहारों का दिन होता है क्योंकि सभी राज्यों में में इस दिन कोई न कोई विशेष त्योहार जरूर होता है. इस त्यौहार को मनाने के पीछे छिपे कारण इस प्रकार हैं

सिख धर्म में बैसाखी पर्व का महत्व - Baisakhi Festival History in Hindi (Sikh Religion)

Baisakhi Festival in Hindi
Baisakhi Festival in Hindi

सिख धर्म में बैसाखी त्यौहार( Baisakhi Festival) का इतिहास गुरु गोबिंद सिंह से जुड़ा है.उदाहरण के तोर पर गुरु गोबिंद सिंह जी के पिता गुरु तेग बहादुर को मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने मार डाला था. गुरु तेग बहादुर की मृत्यु के बाद गोबिंद सिंह को अगला सिख गुरु बनाया गया था. गोबिंद सिंह ने धर्म को मजबूत बनाने के लिए व् मुग़लकाल में धर्म विरोधी घटनाओ का डट कर मुकाबला करने के लिए खालसा पंथ की शुरुवात की थी.
गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1699 में युवाओं को देश के लिए अपना जीवन देने व् आगे आने के लिए प्रेरित किया.हालाँकि, शुरू में कोई भी पुरुष आगे नहीं आया, लेकिन गुरु गोबिंद सिंह के बार-बार अनुरोध व् प्रोत्साहन के बाद, पाँच पुरुषों ने गुरु गोबिंद सिंह के विचारो में दिलचस्पी दिखाई.

गुरु गोबिंद सिंह जी ने उन्हें बगवा वस्त्र पहनने को दिए व् उन्हें "पंज प्यारे" की उपाधि दी गई. "पंज प्यारे" का अनुवाद है "कीमती 5 पुरुष". गुरु गोबिंद सिंह जी ने इस दिन 'खालसा पंथ' (13 अप्रैल 1699)  की शुरुवात की. खालसा का अर्थ होता है खालिस यानि शुद्ध. 'खालसा पंथ' को सिख धर्म के नाम से जाना जाता है.

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 यह त्यौहार सिख नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है व् इस दिन सुबह के समय, सिख लोग स्नान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं. सिख परिवार गुरुद्वारों में सुबह विशेष रूप से आयोजित प्रार्थना में भाग लेने के लिए इकट्ठा होते हैं. प्रार्थना समाप्त होने के बाद, भक्तों को एक मिठाई बांटी जाती है जिसे 'काड़ा प्रसाद' के नाम से जाना जाता है

हिंदू धर्म में बैसाखी पर्व का महत्व - Baisakhi Festival History (Hindu Religion)

Baisakhi Festival in Hindi
Baisakhi Festival in Hindi

हिंदू धर्म के अनुसार बैसाखी के दिन मां गंगा धरती पर अवतरण हुई थी अर्थात मां गंगा धरती पर उतरी थी. हिन्दू धर्म में इस दिन पवित्र नदियों में किये जाने वाले स्नान का बहुत महत्व है व् इस दिन किए गए स्नान से मनुष्य के जीवन में किए गए पाप व् शारीरिक दुख दर्द कम हो जाते है.

हिंदू धर्म के लोग इस त्यौहार को नाच-गाकर व्  देवी देवताओं की पूजा कर मनाते हैं.

किसानों के लिए बैशाखी पर्व का महत्व - Baisakhi Festival in Hindi


किसानों के जीवन में यह पर्व बेहद महत्व रखता है. उदाहरण के तौर पर पंजाब हरियाणा के किसान Baisakhi त्योहार को रबी की फसल पकने की खुशी का प्रतीक मानते हैं. पंजाब-हरियाणा में इस दिन से गेहूं, तिलहन, गन्ना इत्यादि  फसल  काटना आरंभ की जाती है व् किसान Baisakhi के दिन अपने इष्ट देवता की अरदास कर फसल काटना शुरू करते हैं.

बैसाखी की तिथि - Baisakhi Date 


बैसाखी महोत्सव अप्रैल में आने वाले वैशाख महीने के पहले दिन नानकशाही या सिख कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है, इसी कारण बैसाखी को वैसाखी के नाम से भी जाना जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, बैसाखी की तारीख हर साल 13 अप्रैल और हर 36 साल में एक बार 14 अप्रैल हो सकती है. बैसाखी की तिथियों में यह अंतर इस कारण है कि बैसाखी पर्व का दिन सौर कैलेंडर के अनुसार तय किया जाता है.

Baisakhi की शुभ तिथि को पूरे भारत में अलग-अलग नामों और अलग-अलग रीति-रिवाजों से मनाया जाता है. बैसाखी की तारीख असम में 'रोंगाली बिहू', बंगाल में 'नबा बरसा', तमिलनाडु में पुथांडु और केरल में 'पूरम विशु' नामक त्योहारों के रूप में जानी जाती है.

बैसाखी समारोह - Baisakhi Festival Celebration

Baisakhi Festival in Hindi
Baisakhi Festival Celebration

वैशाखी समारोह पंजाब- हरियाणा के साथ साथ पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन बच्चे व् बड़े नए वस्त्र पहनते हैं वह अपने ईस्ट देवता की पूजा करते हैं.
Baisakhi के दिन, किसान भरपूर फसल के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करते हैं और अच्छे समय के लिए प्रार्थना करते हैं.

पंजाब के युवा इस दिन चमकीले वस्त्र पहन कर बांगड़ा व् गिद्दा इत्यादि नाच प्रस्तुत करते है व् "जट्टा ऐ बैसाखी" के गीत गाते है.

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पंजाब में कई स्थानों पर इस दिन को मनाने के लिए रंगीन बैसाखी मेलों का आयोजन किया जाता है।.लोग इन बैसाखी मेलों में बहुत उत्साह और आकर्षण के साथ भाग लेते हैं. बैसाखी मेलों के प्रमुख आकर्षण कुश्ती मुकाबले, गायन और कलाबाजी के अलावा भांगड़ा और गिद्दा प्रदर्शन होते है. इस मेले में लगे झूले व् खाने के स्टाल इस पर्व को और अधिक मनोरंजक बना देते है.

अतः इस तरह बैसाखी पर्व को भारत में मनाया जाता है

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